Tony Chidiya ki kahani Hindi Mai|टोनी चिड़िया की कहानी

 Tony Chidiya Ki Kahani|टोनी चिड़िया की कहानी

एक वक्त की बात थी जब टोनी चिड़िया ने जंगल की ओर सफर कर रही थी | उस ने देखा कि वहां एक  पेड़ पर बना बनाया घोंसला है |  और वहीं पर जाकर घोसले में रहने लगी लेकिन वहां घोसले के इर्द-गिर्द कोई भी चिड़िया नहीं रही थी थी | वहां से दाना खाने के लिए  घोंसला छोड़कर बाहर गई थी | वहां पर एक जगह दाना खाने लगी | इतने में ही उस की मुलाकात दोस्त कौवा से हुई है |

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 कौवा और टोनी चिड़िया एक दूसरे को जानते पहचानते थे | वह दोनों अच्छे दोस्त भी थे | अच्छी दोस्ती और मिलन सारी इन दोनों में खूब थी |  दोनों एक दूसरे को देख कर खुश हो गए और खुशी के मारे झूम उठे | दोनों ने अपना हालचाल पूछा और खैरियत भी क्योंकि बहुत दिनों के बाद वह दोनों एक दूसरे से मिले | कौवा बहुत खुशी के मारे गाने गाए और झूम उठे और खुशामदीद की गीत और नगमे गाय | 


कौवा बोला तुम्हारा खुशामदीद और तुमसे मिलकर बहुत खुशी महसूस हुई | अब हम दोनों मिलकर बहुत सारे बातचीत करेंगे और खेलेंगे,झूमेंगे,गाएंगे,नाचेंगे और खुशियां मनाएंगे | यह सुनकर बहुत खुश हुई और खुशी के मारे झूम उठी| और कौवा को भी खुशी खुशी  स्वागत किया | और दोनों बहुत देर तक खुशी खुशी बातचीत की | और दोनों ने मिल बांटकर दाना खाया |



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 कौवा ने पूछा कि क्या तुम यहां पर रहने आई हो | कौवा ने कहा क्या तुम उस बड़े पेड़ पर रहती हो | टोनी चिड़िया ने कहा मैं वहां उस बड़े पेड़ पर घोसले में रहती हूं | कौवा ने कहा कि बड़े पेड़ पर तो कोई नहीं है तुम वहां अकेली क्यों रहने आई हो | क्या तुम नहीं जानती कि उस बड़े पेड़ पर भूत रहता है | भूत ने सारी चिड़ियों को खा गया है और अब कोई वहां नहीं है | तुम्हें भी भूत खा जाएगा और संभल कर रहना | यह सुनकर वह डर गई और जाकर अपने घोसले में बैठ गई | और वहां अपने घोंसले में इर्द-गिर्द देखा के क्या यहां पर कोई भूत तो नहीं है | वहां पर देखती है के पेड़ के नीचे एक बड़ा सा सुरंग है | उस ने सोचा के वहां पर एक सांप है जो सारी चिड़ियों को खा गया है |उसने सोचा कि वहां अपनी समझदारी और चालाकी से उस सांप को सबक सिखाएगी | वह समझ गई के सांप रात के सन्नाटे में घोंसलामें आएगा| उसने एक विचार सोचा कि जैसे सांप घोसले में दाखिल होगा तो वहां उस घोसले से बाहर निकलेगी और वहां से बच कर चली जाएगी | इस तरह अपनी होशियारी और बुद्धि से सांप से बचने का विचार किया |



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वहां फिर जाकर अपने दोस्त कौवे से मिली | कौवे को पूरी कहानी बताएं के वहां पेड़ के नीचे एक सुरंग है जिसमें सांप रहता है | वही सांप पेड़  के पक्षियों को खा गया | पक्षियों को भूत ने नहीं खाया बल के सांप ने खाया |यह सुनकर कौवे ने अपने दोस्त को एक विचार सुनाया | कौवेने कहा कि मेरा विचार सुन लो जिससे तुम अपनी जान बचा सकती हो और अपने घर जा सकती हो |


 

  कौवा ने कहा कि तुम रात को जागते रहना क्योंकि सांप किसी भी वक्त तुम पर हमला कर सकता है| तुम्हारे घोसले में दाखिल होकर तुमको खा सकता है | यह सुनकर होशियार हो गई और रात को ना सोने का विचार किया | और जाकर अपने घोसले में बैठ गई | इस विचार के प्रकार रात को नहीं सोई | सारी रात जागते हुए देखती है कि सांप कहां है | कभी पेड़ के इस तरफ जा देखती है तो कभी पेड़ के उस तरफ जा देखती है | सांप से बचकर निकलने का प्रयास करती है |



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इस तरह सांप के आने का इंतजार करती है और रात को  जागती रही | देखा कि वहां पेड़ के नीचे सुरंग है जिसमें सांप है | वह सांप सुरंग से निकलकर घोंसले की ओर आ रहा है | सांप घोंसले की ओर गया और देखा के घोंसले में कोई नहीं है | फिर सांप ने देखा कि घोंसले के बाहर एक पक्षी उड़ रही है | सांप ने उस पक्षी को खाने की कोशिश की लेकिन वह बच कर चली गई |

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एक दुष्ट सांप था जो सारी चिड़ियों को खाता और हजम करता | जिस वजह से वहां की चिड़िया खत्म हो गई | दुष्ट सांप सुरंग से निकलता और घोंसले में जाकर चिड़ियों को खा जाता | इस तरह दुष्ट सांप सारी चिड़ियों को खा गया और हजम कर गया | जबकि वह समझती के वहां एक भूत है जो पूरी चिड़ियों को खा गया| भूत नहीं बल्कि एक दुष्ट सांप था जो सारी चिड़ियों को एक एक कर कर खा गया | रात के वक्त वह सांप घोसले की ओर जा रहा था और उस ने उस सांप को देख लिया और वहां से भाग गई | उस सांप ने तमाम चिड़ियों को खा गया था | लेकिन चूड़ियां होशियार थी और उस सांप से बचकर भाग गई |

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टोनी चिड़िया वहां से चली गई और यह बैंगन के झाड़ पर अपना घोंसला बनाया | उस बैंगन के झाड़ पर अपना घोंसला बनाया और वहां पर रहने लगी | इतने में वहां पर एक बिल्ली ने चिड़िया को देखा | बिल्ली ने सोचा कि मैं क्यों ना इस को खा जाऊं | बिल्ली का वहां एक सपना था कि वह उस को अपना मुंह का निवाला बनाए | और बिल्ली यह सोच कर एक जगह बैठ गई |

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बिल्ली ने टोनी चिड़िया से कहां के तुम यहां पर रहने आई हो | उस ने कहा कि मैं यहां पर रहने के लिए आई हूं |

बिल्ली ने उस को अपना दोस्त बनाने का सोचा और इस दोस्ती के नाते चिड़िया को खाने का एक विचार था 

और उस ने भी बिल्ली से दोस्ती कर ली और दोनों एक दूसरे से बातचीत करने लगे | बिल्ली ने कहा कि मैं यहां बैंगन के झाड़ के पास रहता हूं तुम यहां पर सुकून में रह सकती हो | और बगैर चिंता किए तुम यहां पर रह सकती हो यह अपना ही मकान है |



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और जब रात का सन्नाटा था तो बिल्ली ने उस को खाने की कोशिश की लेकिन वहां नाकाम हो गई |

Tony चिड़िया बहुत होशियार थी इसी वजह से उस ने बिल्ली से मीठी बात तो कर ली लेकिन

बिल्ली से बचने का प्रयास किया | और वहां से बचकर अपने वतन चली गई |



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इस तरह वह अपनी समझदारी और चालाकी से वह  दुश्मनों से  बचकर भाग निकली | वह अपने मां बाप भाई बहन रिश्तेदारों दोस्तों से जाकर मिली | तमाम दोस्त रिश्तेदार भाई बहन देखकर बहुत खुश हुए | और वहां हंसी खुशी मिलकर रहने लगे | फिर वह आसमानों में  उड़ने लगे और आसमान की सैर की थी | इस तरह अपनी पुरानी यादों को ताजा की और आसमान की सैर अपने दोस्तों के साथ करने लगी | कभी आसमान के इस तरफ  उड़ते हैं तो कभी आसमान की उस तरफ  उड़ते और साथ में आसमान की सैर करते थे | इस तरह मिलजुल कर दोस्तों रिश्तेदारों मां बाप के साथ रहने लगी |



कहानी से शिक्षा : Tony Chidiya Ki Kahani |इस टोनी चिड़िया की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हम हिम्मत लगन और चालाकी से दुश्मनों से लड़ सकते हैं और दुश्मनों का खात्मा तक कर सकते हैं | हिम्मत, लगन, अपने आप पर भरोसा और होशियारी से दुश्मनों का खात्मा आसानी से किया जा सकता है और दुश्मनों से बचा जा सकता है |






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